तलाक कैसे लें? [2025] – जानिए Mutual और Contested Divorce की पूरी प्रक्रिया
- Legal Thikana
- 19 मई
- 2 मिनट पठन
भारत में तलाक कैसे लिया जाता है?
कौन चाहता है बसा बसाया घर तोड़ना। लेकिन रिश्ते जब अनुकूल न हो तो Seperation ही एक मात्र रास्ता है।आइये जानते है भारत में तलाक लेने की क़ानूनी प्रक्रिया हिंदू विवाह अधिनियम, मुस्लिम पर्सनल लॉ, क्रिश्चियन मैरिज एक्ट, के तहत तय होती है।इस लेख में हम बताएंगे कि आपसी सहमति और एकतरफा तलाक कैसे लिया जाता है, कितना खर्च आता है, और कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए होते हैं।
आपसी सहमति से तलाक कैसे लें (Mutual Divorce)
जब मियां -बीबी राजी तो क्या करेगा काजी। Mutual Divorce भी कुछ ऐसा ही है। यह तब सम्भव है
जब पति और पत्नी दोनों तलाक के लिए राज़ी होते हैं।

Important Term:
शादी को 1 साल पूरा होना चाहिए।
दोनों पक्ष तलाक, गुज़ारा भत्ता, बच्चों की कस्टडी आदि पर सहमत हों।
Process:
फैमिली कोर्ट में संयुक्त याचिका दाखिल करें।
कोर्ट द्वारा 6 महीने का समय (cooling-off period) दिया जाता है।
दूसरी सुनवाई पर तलाक को अंतिम रूप दिया जाता है।
समय: लगभग 6–8 महीने खर्चा: ₹5,000 – ₹50,00
एकतरफा तलाक (Contested Divorce)
नाम से ही Clear है की यह मामला one sided है। जहां एक पक्ष तलाक चाहता हो और दूसरा नहीं
, तब Contested Divorce फाइल किया जाता है।
कानूनी आधार:
मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना
विवाह में धोखा
पति या पत्नी का गायब होना (2 साल+)
desertion (त्याग देना)
धर्म परिवर्तन
प्रक्रिया:
एकतरफा याचिका दाखिल करें।
कोर्ट दूसरा पक्ष को नोटिस भेजेगा।
दोनों की सुनवाई होगी, गवाह और सबूत पेश होंगे।
कोर्ट फैसला सुनाएगा।
समय: 1 से 3 साल खर्चा: ₹20,000 – ₹1 लाख+
Important Document
विवाह प्रमाण पत्र (Marriage Certificate)
आधार कार्ड / पैन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
पते का प्रमाण (Address Proof)
शादी के फोटो
आय प्रमाण पत्र (Income Proof)
सहमति पत्र (Mutual Divorce में)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
🔸 तलाक में कितना समय लगता है?
Mutual divorce में 6–8 महीने, Contested में 1–3 साल तक लग सकते हैं।
🔸 क्या बिना वकील के तलाक लिया जा सकता है?
हां, लेकिन वकील की मदद से प्रक्रिया तेज़ और सुरक्षित रहती है।
🔸 तलाक के बाद महिला को क्या अधिकार मिलते हैं?
गुज़ारा भत्ता, बच्चों की कस्टडी, और कभी-कभी पति की संपत्ति में हिस्सा।
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